• royal commission | |
शाही: kingly royal imperial princely regal imperious | |
कमीशन: commission rebate lot money | |
शाही कमीशन in English
[ shahi kamishan ] sound:
शाही कमीशन sentence in Hindi
Examples
More: Next- के नेतृत्व में एक शाही कमीशन की नियुक्ति की घोषणा की।
- श्रमिकों की समस्याओं के सुधार कीदृष्टि से १९२८ में शाही कमीशन की नियुक्ति की गई.
- पारित हुआ, तदुपरांत 1926, 1929, और 1931 में शाही कमीशन की सिफारिशों के फलस्वरूप 1934, 1939, 1942, 1946 और 1948 में संशोधन होते रहे जिससे उसके क्षेत्र में काफी विस्तार हो गया है।
- सन् 1907 के विकेंद्रीकरण संबंधी शाही कमीशन ने पंचायतों के महत्व को स्वीकर किया और अपनी रिपोर्ट में लिखा कि किसी भी स्थायी संगठन की नींव, जिससे जनता का सक्रिय सहयोग प्रशासन के साथ हो, ग्रामों में ही होनी चाहिए।
- सन् 1907 के विकेंद्रीकरण संबंधी शाही कमीशन ने पंचायतों के महत्व को स्वीकर किया और अपनी रिपोर्ट में लिखा कि किसी भी स्थायी संगठन की नींव, जिससे जनता का सक्रिय सहयोग प्रशासन के साथ हो, ग्रामों में ही होनी चाहिए।
- मगर वहां तो मामला कुछ और ही है, जो अब भारतवासियों के नरम से नरम दल के नेताओं के भी शाही कमीशन के मुकर्रर होने और उसमें एक भी भारतवासी के न चुने जाने, पार्लियामेंट में भारत सचिव लार्ड बर्कनहेड के तथा अन्य मजदूर नेताओं के भाषणों से भली भांति समझ में आया है कि किस प्रकार भारतवर्ष को गुलामी की जंजीरों में जकड़े रहने की चालें चली जा रही हैं ।
- मगर वहां तो मामला कुछ और ही है, जो अब भारतवासियों के नरम से नरम दल के नेताओं के भी शाही कमीशन के मुकर्रर होने और उसमें एक भी भारतवासी के न चुने जाने, पार्लियामेंट में भारत सचिव लार्ड बर्कनहेड के तथा अन्य मजदूर नेताओं के भाषणों से भली भांति समझ में आया है कि किस प्रकार भारतवर्ष को गुलामी की जंजीरों में जकड़े रहने की चालें चली जा रही हैं ।
- मगर वहां तो मामला कुछ और ही है, जो अब भारतवासियों के नरम से नरम दल के नेताओं के भी शाही कमीशन के मुकर्रर होने और उस में एक भी भारतवासी के न चुने जाने, पार्लमेंट में भारत सचिव लार्ड बर्कनहेड के तथा अन्य मजदूर दल के नेताओें के भा्षणों से भली-भांति समझ में आया है कि किस प्रकार भारतवर्ष को गुलामी की जंजीर में जकड़े रहने की चालें चली जा रही है ।
- मगर वहां तो मामला कुछ और ही है, जो अब भारतवासियों के नरम से नरम दल के नेताओं के भी शाही कमीशन के मुकर्रर होने और उस में एक भी भारतवासी के न चुने जाने, पार्लमेंट में भारत सचिव लार्ड बर्कनहेड के तथा अन्य मजदूर दल के नेताओें के भा्षणों से भली-भांति समझ में आया है कि किस प्रकार भारतवर्ष को गुलामी की जंजीर में जकड़े रहने की चालें चली जा रही है ।